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ToggleVaricocele: A serious male disease.
यह पुरुषों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है और शुरुआती दौर में उन्हें पता भी नहीं चलता कि varicocele kaise hota hai. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अंडकोश के भीतर नसों का बढ़ना शामिल है। जो दर्द ,असुविधा और प्रजनन संबंधी (बच्चा होने में दिक्क्त)आदि समस्याओं का कारण बन सकती है। जो भी पुरुष इस बीमारी से पीड़ित हैं या इसमें कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए इस बीमारी के बारे में सब कुछ जानना बहुत ज़रूरी है। जैसे कि Varicocele ke lakshan, जिससे आपको पता चल सकेगा की यह इस बीमारी के संकेत हैं, इसमें होने वाली कठिनाइयों से कैसे बचा जा सके और varicocele ka ilaj जो की अब होम्योपैथी के जरिये बिना सर्जरी के आसानी से संभव हैं, के बारे में ताकि इस बीमारी से बढ़ने से पहले ही छुटकारा पाया जा सके।
चलिए सबसे पहले जानते है आखिर Varicocele ke lakshan होते क्या हैं।
Know about the Symptoms of Varicocele
जब भी इस रोग की शुरुवात होती है तो, Varicocele ke lakshan का पता नहीं लग पाता है। क्योंकि लोग इस रोग में होने वाले लक्षणों को छोटी मोटी समस्या समझकर छोड़ देते हैं। डॉक्टर का मानना है की वेरीकोसील होने पर स्क्रोटम का आकार बढ़ जाता है।और आमतौर पर इसमें दर्द नहीं होता है लेकिन कभी कभी हल्का दर्द हो भी सकता है। अगर Varicocele ke lakshan का शुरुआत में ही पता चल जाए तो varicocele home remedies की मदद से इसके दर्द को कम किया जा सकता हैं। परन्तु इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए आपको एक बेहतर उपचार अपनाने की सलाह दी जाती हैं।
नीचे हम आपको वेरीकोसील के कुछ खास लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपको यह समझने में मदद मिलेगी की आप इस बीमारी से पीड़ित हैं।
- स्क्रोटम में दर्द होना
- दर्द का गर्मी में बढ़ जाना
- स्क्रोटम का आकर बढ़ना
- स्क्रोटम में सूजन का होना
- गांठ की वजह से दर्द नहीं होना
- अंडकोष की एक तरफ गांठ होना
- स्क्रोटम की नसों का मुड़ जाना और वहीँ जमा होना
- स्क्रोटम की नसों का बाहर साफ की ओर दिखाई देना
Varicocele Causes
वेरीकोसील होने के कारण कुछ इस प्रकार हैं।
- शरीर का बढ़ता वज़न
- खड़े होकर पानी पीना
- चोट लगना या घाव होना
- शुक्राणु कॉर्ड में रुकावट होना
- बिना किसी प्रोटेक्टिव गियर के व्यायाम करना
- एपिडिडीमाइटिस जैसे संक्रमण से पीड़ित होना
- अंडकोष में ब्लड सर्कुलेशन(खून का शरीर में बहना) तेज़ होना
- शुक्राणु कॉर्ड में ब्लड फ्लो को काबू में करने वाले वाल्वों में खराबी आने कारण।
Varicocele Home Remedies
ऐसी बहुत सी varicocele home remedies का इस्तेमाल इसमें हो रही समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता हैं, कुछ घरेलु उपचार इस प्रकार हैं:-
पपीता से Varicocele का इलाज
इसमें मौजूद सूजन रोधी क्षमता जो आपकी बढ़ती समस्या में सूजन को कम करने का काम करेगी। इसका सेवन आप दिन में एक बार करें अधिक मात्रा में खाने की सलाह नहीं दी जाती।
लहसुन से Varicocele का इलाज
इसमें भी सूजनरोधी गुण होते हैं और यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है। जब इसे सही प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है या आहार में शामिल किया जाता है, तो यह Varicocele ke lakshan को कम करने में मदद करता है।
योग: वेरीकोसील की समस्या से राहत पाने के लिए आप योग भी अपना सकते हैं। योग करने के कई फायदे हैं और इससे आपका वजन भी नियमित रहेगा। इसके अलावा ऐसे फलों और सब्जियों का सेवन करें जिसमे भरपूर मात्र में एंटीऑक्सीडेंट हो।
Varicocele Treatment Without Surgery
इस स्थिति को ठीक करने के लिए सर्जिकल तरीकों को अंतिम विकल्प के रूप में रखा जाना चाहिए। सर्जरी में होने वाला दर्द जो की मरीज़ की हालत को और अधिक खराब कर सकता हैं। मरीज़ जो इस रोग को झेल रहें है, वह पहले ही इतने दर्द से जूझ रहें होते है, और जब varicocele ka ilaj करवाने की सोचते है तब सर्जरी के दर्द भरे इलाज़ को सोचने पर वह घबरा जाते हैं। और समय पर इलाज़ नहीं लेते और सही समय पर इलाज़ न करवाने के कारण रोग इतना बढ़ जाता है की उस बीमारी को ठीक होने में काफी समय लग जाता है और मरीज़ को बहुत कठिनाईया झेलनी पड़ती हैं। हालाँकि कुछ varicocele home remedies का इस्तेमाल रोग के दर्द को कम करने के लिए किया जा सकता है परन्तु ध्यान रहें एक अच्छा इलाज़ ही आपको इस रोग से मुक्ति दिला सकता हैं।
आप कैसा महसूस करेंगे, जब आपको पता चलेगा की वेरीकोसील का दर्दमुक्त उपचार मुमकिन हैं, जी हाँ अपने सही सुना अब आप प्राकृतिक तरीके से varicocele ka ilaj बिना किसी दर्द को सहन किये आसानी से करवा सकते हैं जो सर्जरी से कोसों दूर हैं, हालांकि, लोगों के मन में कई सवाल हैं, जैसे कि is varicocele dangerous, क्या यह आजीवन बीमारी है या क्या इसे कभी पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इन सभी सवालों के जवाब हम नीचे विस्तार से देंगे और बताएंगें इसके एक सरल उपचार के बारे में।
Homeopathy Treatment to Cure Varicocele Problem
ऐसा उपचार जो वेरीकोसील में हो रहे दर्द को तो कम करेगा ही बल्कि रोग को जड़ से खत्म करने में सर्वश्रेष्ठ हैं:-
- हाइड्रोसील जैसी जटिलताओं की संभावना को कम करना
- रोग के दुबारा होने की संभावना को रोकना
- दर्द और सूजन को कम करना
- रोग के जड़ पर काम करना
- नसों में सही ब्लड फ्लो करना
वेरीकोसील के लिए होम्योपैथिक उपचार अपनी पूरी तरह से गैर-आक्रामक और साइड-इफ़ेक्ट-मुक्त पद्धति की मदद से सभी पाँच प्रमुख लाभ प्रदान करने में सक्षम है। दर्द से राहत प्रदान करने के लिए, होम्योपैथिक डॉक्टर जो दवाएं रोगी को देते हैं, वह दवाएँ पौधों और खनिजों जैसे प्राकृतिक स्रोतों से बनाई जाती हैं। यह स्थिति दर्द और सूजन को कम करने के साथ साथ रोग को मूल कारणों से ठीक करने और रोग के दोबारा होने की संभावना को रोक देती हैं।
इस स्थिति के कारण उत्पन्न बांझपन की सीमा के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के बाद, होम्योपैथिक चिकित्सक शुक्राणु उत्पादन और स्वास्थ्य में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
Bharat Homeopathy for Varicocele treatment?
भारत होम्योपैथी में विशेषज्ञों की बहुत ही बेहतरीन टीम मौजूद है, जिन्हें सर्जरी के बिना वेरीकोसील का उपचार करने का वर्षों का अनुभव है। हमारा लक्ष्य प्रत्येक रोगी को Varicocele ke lakshan और उनकी गंभीर से गंभीर स्थितियों की पूरी तरह जाँच करके अंडकोष शिरा दर्द के लिए सर्वोत्तम संभव होम्योपैथिक उपचार और दवा देना है। साथ ही प्रत्येक रोगी के लिए उनकी स्थिति के अनुसार एक डाइट चार्ट तैयार करके दिया जाता हैं। जो की रोगियों के लिए बहुत ही प्रभावी सिद्ध होता हैं।
हमारी उपचार योजना तीन कारकों पर काम करती है। पहला है आपका आहार।
- आप दिन भर जो खाद्य पदार्थ खाते हैं, वे या तो आपकी बीमारी को ठीक करने में रूकावट या लाभ इनमे से कोई एक पहुँचा सकते हैं। इसलिए रोगी को सही आहार संबंधी सलाह देना बहुत ज़रूरी है।
- दूसरी बात जो हम ध्यान में रखते हैं, वह है आपको जीवनशैली में ज़रूरी बदलावों के बारे में बताना, जो आपकी स्थिति को बढ़ने से रोकने में आपकी मदद करती हैं।
- तीसरा, हमारे होम्योपैथी डॉक्टर, जो रोगियों के रोग की पूरी जाँच करने के बाद ही, उनके रोग के मूल कारण और Varicocele ke lakshan को ध्यान को में रखने के बाद ही उनका इलाज़ शुरू करते हैं। और उनके लिए दवाओं को कस्टोमीसेड (यानी मरीज़ के रोग के अनुकूल दवाइयाँ)करके देते है।